۵ آذر ۱۴۰۳ |۲۳ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 25, 2024
कोवैक्सीन

हौज़ा / देश की दवा निंयत्रक संस्था ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने बच्चों की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। यह भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की तरफ से निर्मित कोवैक्सिन (Covaxin) ही है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, भारत ने बच्चों की कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब देश में जल्द ही 2 से 18 साल के बच्चों को भी कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी। देश की दवा निंयत्रक संस्था ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने बच्चों की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। यह भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की तरफ से निर्मित कोवैक्सिन (Covaxin) ही है। आइए जानते हैं कोवैक्सिन को लेकर 10 बड़ी बातें…

1. कोवैक्सिन के ट्रायल में काफी साकारात्मक नतीजे सामने आए हैं, इस कारण इसे डीजीसीआई ने अनुमति दे दी है। ट्रायल में बच्चों पर वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है।

2. बच्चों को इस वैक्सीन की दो डोज दी जाएगी। अभी 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के व्यस्कों को भी कोवैक्सिन की दो डोज ही दी जा रही है।

3. सरकार बीमार बच्चों को पहले टीका लगाने की गाइडलाइंस तैयार कर रही है। पहले चरण में उन बच्चों को वैक्सीन डोज दी जाएगी जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं।

4. बच्चों को वैक्सीन देने से उन्हें स्कूल जाने में भी कोई उहापोह की स्थिति नहीं रहेगी। माता-पिता बिना किसी डर या चिंता के अपने बच्चों को स्कूल भेज सकेंगे।

5. कहा जा रहा था कि कोरोना की तीसरी लहर जब भी आएगी, छोटे बच्चे ही प्रभावित होंगे क्योंकि उन्हें वैक्सीन नहीं दी गई है। अब छोटे बच्चों के लिए भी वैक्सीन आ जाने से तीसरी लहर की आशंका भी नदारद हो जाएगी।

6. बच्चों के लिए आ रही कोरोना वैक्सीन की कीमत कितनी होगी, इसका खुलासा तो नहीं हुआ है, लेकिन कहा जा रहा है कि इसकी कीमत व्यस्कों को दी जा रही कोवैक्सिन की कीमत के बराबर हो होगी।

7. बड़ी बात यह है कि बच्चों की वैक्सीन भी अपने देश में ही विकसित हुई है। ट्रायल में इस स्वदेशी वैक्सीन ने कोरोना के खिलाफ काफी जबर्दस्त रक्षा देने का सबूत दिया है।

8. डीजीसीआई की मंजूरी मिलने के बाद बच्चों को वैक्सीन लगने की शुरुआत एक से दो महीने बाद ही हो पाएगी। इसका कारण यह है कि अभी बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन करना होगा।

9. दुनिया के कुछ देशों में बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। यूरोपियन यूनियन ने जुलाई महीने में ही मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी दे दी थी।

10. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने मॉनसून सत्र के दौरान संसद में बताया था कि देश की दो कंपनियां बच्चों की वैक्सीन बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। उन्होंने जुलाई में कहा था कि जायडस कैडिला और भारत बायोटेक का नाम लिया था।

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